Volume Explained | How to use Volume in Trading - Trade with Purab




 📊 वॉल्यूम क्या है? ट्रेडिंग में वॉल्यूम का उपयोग कैसे करें | Trade with Purab

🔰 परिचय:

स्टॉक मार्केट में सिर्फ प्राइस मूवमेंट को देखना काफी नहीं होता। एक महत्वपूर्ण फैक्टर जिसे कई नए ट्रेडर्स नजरअंदाज कर देते हैं, वह है वॉल्यूम (Volume)। वॉल्यूम यह दर्शाता है कि किसी स्टॉक की खरीद-बिक्री कितनी मात्रा में हो रही है। इस ब्लॉग में हम समझेंगे कि वॉल्यूम क्या होता है, ये कैसे काम करता है और इसे ट्रेडिंग डिसीजन में कैसे उपयोग किया जाता है।


📌 वॉल्यूम क्या है?

वॉल्यूम का मतलब है — किसी दिए गए समय में किसी स्टॉक के कितने शेयर खरीदे या बेचे गए हैं।

उदाहरण के लिए:
अगर Reliance का वॉल्यूम आज 10 लाख है, तो इसका मतलब है कि 10 लाख शेयरों की खरीद-बिक्री हुई है।


📈 वॉल्यूम से हमें क्या पता चलता है?

  1. ट्रेंड की ताकत:

    • ज्यादा वॉल्यूम = मजबूत ट्रेंड

    • कम वॉल्यूम = कमजोर या झूठा ब्रेकआउट

  2. प्राइस मूवमेंट की पुष्टि:

    • अगर किसी स्टॉक का प्राइस ऊपर जा रहा है और वॉल्यूम भी बढ़ रहा है, तो यह एक बुलिश सिग्नल है।

    • अगर प्राइस गिर रहा है और वॉल्यूम बढ़ रहा है, तो यह एक बियरिश सिग्नल है।


🛠 वॉल्यूम का इस्तेमाल कैसे करें?

✅ 1. Breakout Confirmation:

जब कोई स्टॉक सपोर्ट या रेसिस्टेंस ब्रेक करता है, तो वॉल्यूम देखकर यह पता चलता है कि ब्रेकआउट सच्चा है या झूठा।

  • सच्चा ब्रेकआउट: हाई वॉल्यूम के साथ प्राइस मूवमेंट

  • फेक ब्रेकआउट: कम वॉल्यूम के साथ प्राइस मूवमेंट

✅ 2. Volume with Candlestick Pattern:

  • अगर Bullish Engulfing या Hammer जैसे पैटर्न वॉल्यूम के साथ बनें, तो उनका असर ज्यादा होता है।

✅ 3. Volume Spikes:

अचानक बहुत ज्यादा वॉल्यूम आना एक बड़ी मूवमेंट या न्यूज का संकेत हो सकता है। ये बदलाव की शुरुआत हो सकता है।


🔍 Volume Indicators:

  1. On Balance Volume (OBV): यह वॉल्यूम को प्राइस के साथ जोड़ता है।

  2. Volume Moving Average: वॉल्यूम का एवरेज ट्रेंड देखने के लिए।

  3. Accumulation/Distribution Line: यह बताता है कि स्टॉक में पैसा आ रहा है या जा रहा है।

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